रविवार, 30 जुलाई 2017

पैरों तले जमीन खिसकने जैसा है रेत का खत्म होना

SBI की त्रैमासिक गृह पत्रिका का नाम "प्रयास" है. यह एक उत्कृष्ट हिन्दी पत्रिका है. 
इसके एक अंक में रेत पर आलेख छपा है- 

"पैरों तले जमीन खिसकने जैसा है रेत का खत्म होना" 


हम जब भी पर्यावरण के बारे में सोचते हैं, तो हम पर्वतों, नदियों, जंगलों इत्यादि के बारे में सोचते हैं- किसी का ध्यान ही नहीं जाता कि नदियों और सागरों के तटों से रेत भी बड़ी मात्रा में गायब हो रहे हैं. 

क्या आपको पता चला कि इण्डोनेशिया ने सिंगापुर को रेत बेचने के चक्कर में अपने चौबीस टापुओं का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया है? 

ऐसे में इस आलेख को एकबार पढ़ना जरूरी है. 

आलेख चूँकि PDF फॉर्मेट में है, इसलिए उसे गूगल के डिस्क में रखकर उसका लिंक नीचे प्रस्तुत किया जा रहा है- 

 कृपया यहाँ क्लिक करें.

SBI के प्रति आभार.
  

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